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Interesting facts in Hindi Story | Gandhari 100 son of story.

Interesting facts Gandhari 100 son of story महाभारत में आखिर कैसे गांधारी ने सौ पुत्रों को एक साथ जन्म दिया था

गांधारी के सौ पुत्र का जन्म

महाभारत धृतराष्ट्र का विवाह गांधारी के साथ हुआ था| विवाह के पश्चात् जब गांधारी हस्तिनापुर आयी तब उन्हें धृतराष्ट्र के अंधा होने का पता चला| यह बात जानकर गांधारी ने भी पूर्ण जीवन आँखों पर पट्टी बांध कर रखने का प्रण ले लिया| इसी दौरान ऋषि व्यास उनसे मिलने हस्तिनापुर पहुंचे| गांधारी ने
इस अवस्था में भी उनकी बहुत अच्छे से सेवा की।

👉गांधारी के पतिव्रता संकल्प को देखकर ऋषि व्यास बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने गांधारी को 100 पुत्रों का आशीर्वाद दिया। इस आशीर्वाद से गांधारी लगभग दो साल तक गर्भवती रही| प्रसव के दौरान गांधारी ने एक मृत मांस के लोथड़े को पैदा किया। ऋषि व्यास ने आदेश दिया कि उस मांस के लोथड़े को 100
टुकड़ो में काट दिया जाए।

👉परन्तु गांधारी ने उन्हें कहा कि उन्हें एक पुत्री की भी इच्छा है। तब ऋषि व्यास ने लोथड़े को स्वयं 101 टुकड़ों में काटकर अलग – अलग घड़ों में बंद कियाएक साल बाद उन घड़ों में से गांधारी के 100 पुत्रों और एक पुत्री
दुःशला का जन्म हुआ।

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